नई दिल्ली। एनसीएससी प्रमुख अरुण हलदर ने शुक्रवार को संदेशखाली हिंसा मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में अरुण हलदर ने राष्ट्रपति मुर्मू से संदेशखाली में टीएमसी समर्थकों द्वारा महिलाओं के कथित उत्पीड़न पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है।
महिलाओं का यौन उत्पीड़न
अरुण हलदर ने बताया कि आयोग ने संदेशखाली में टीएमसी समर्थकों द्वारा महिलाओं के कथित उत्पीड़न पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखाली का दौरा किया था।
संदेशखाली में जमीनों पर बलपूर्वक कब्जा
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जब वह संदेशखाली के दौरे पर थे, तब इस दौरान वहां की महिलाओं ने दावा किया था कि टीएमसी नेता शाजहान शेख और उनके समर्थकों ने बलपूर्वक जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया और उनका यौन उत्पीड़न भी किया। वहां के हालात ठीक नहीं है।
अनुसूचित जाति समुदाय के लोग भी परेशान
राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के बाद हलदर ने कहा कि हमने सिफारिश की है कि पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल की सरकार और अपराधियों ने आपस में हाथ मिला लिया है। संदेशखाली में हिंसा का असर अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर भी पड़ रहा है।
ईडी पर हमले के बाद से फरार शाजहान शेख
बता दें कि संदेशखाली में कई महिलाएं टीएमसी नेता शाजहान शेख की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। टीएमसी नेता शाजहान पिछले महीने कथित राशन घोटाले के सिलसिले में उसके घर पर छापा मारने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद से फरार है।