Israel-Hamas War: इज़रायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में गाज़ा में सीज़फायर लगाने का प्रस्ताव यूएनएससी में अरब देशों की तरफ से पेश किया गया। पर अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर हैरान कर देने वाला वोट दिया।
इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से चल रहे युद्ध को 4 महीने से ज़्यादा समय हो चुका है और अभी भी यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हमास के इज़रायल पर रॉकेट अटैक और घुसपैठ हमलों में करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और हमास ने 200 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। हमास से बदला लेने के लिए इज़रायल ने गाज़ा (Gaza) और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों पर ताबड़तोड़ जवाबी हमले शुरू कर दिए। हालांकि 24 नवंबर से युद्ध पर पहले 4 दिन के लिए, फिर 2 दिन और फिर 1 दिन यानी कि एक हफ्ते का विराम ज़रूर लगा और उस दौरान सीज़फायर का पालन भी किया गया पर एक हफ्ते के बाद उसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। इज़रायली सेना के हमलों में अब तक 29 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। सिर्फ गाज़ा की ही बात करें तो वहाँ अब तक 28,775 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में गाज़ा में परमानेंट सीज़फायर लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पर हाल ही में अमेरिका (United States Of America) ने इस प्रस्ताव पर चौंका देने वाला वोट दिया।
सीज़फायर प्रस्ताव
UNSC में गाज़ा में चल रहे युद्ध पर सीज़फायर लगाने का प्रस्ताव पेश किया गया।
अमेरिका ने लगाया वीटो
गाज़ा में चल रहे युद्ध पर सीज़फायर लगाने के प्रस्ताव पर यूएनएससी में चली वोटिंग में अमेरिका ने वीटो लगा दिया। यह तीसरा मौका है जब अमेरिका ने ऐसा किया है।
क्या दिया कारण?
अमेरिका की तरफ से वीटो लगाने का कारण दिया गया बंधकों की रिहाई पर चल रही बातचीत। अमेरिका की प्रतिनिधि ने कहा कि सीज़फायर से बंधकों की रिहाई की बातचीत पर असर पड़ सकता है।