मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन आज सुबह 11 बजे पिछले कुछ समय से वे मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती थे. यानी 26 फरवरी को दुनिया को अलविदा कह दिया है. सिंगर ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है | मुंबई में कल होगा अंतिम संस्कार पंकज उधास म्यूजिक की दुनिया के लेजेंड कहे जाते हैं. उनके गानों को हर उम्र की लोग सुनना पसंद करते हैं. पंकज उधास की आवाज में ऐसा जादू है कि कोई भी उनके गाने और गजल सुन मंनमुग्ध हो सकता है. पंकज भले ही सिंगर हो लेकिन उनकी प्रेम कहानी बेहद फिल्मी रही है|
पीएम मोदी ने पोस्ट कर दी श्रद्धांजलि–
पंकज उधास के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जाहिर किया है. उन्होंने एक्स पर दिवंगत सिंगर के साथ कुछ फोटोज शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने लिखा- ‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक जाहिर करते हैं, जिनकी गायिकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थीं और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं, वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं. मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद हैं. उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा. उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं. ओम शांति.’
किसी फिल्म से कम नहीं थी Pankaj Udhas की लव स्टोरी, धर्म की दीवार तोड़ यूं थामा था पत्नी का हाथ–
प्यार के बीच आ गई थी धर्म की दीवार
दोनों ने जल्द ही शादी करने का फैसला ले लिया था. लेकिन दोनों के बीच धर्म की दीवार आ खड़ी हुई थी. दरअसल, पंकज उधास हिंदू थे और फरीदा पारसी परिवरा से ताल्लुक रखती थीं. ऐसे में दोनों की शादी में परेशानी आ गई थी.
पंकज की फैमिली इस रिश्ते सा राजी थी लेकिन फरीदा के घरवालों उनकी इस शादी से खुश नहीं थे. लेकिन यहां पंकज दोनों परिवारो की रजामंदी से ही अपना घर बसाना चाहते थे. इसलिए दोनों ने तय की किया जब दोनों परिवार राजी होंगे तभी शादी करेंगे. हालांकि, कुछ समय बाद फरीदा के घरवालों ने भी शादी के लिए हामी भर दी और दोनों ने शादी कर ली.
पकंज उदास और फरीदा की दो बेटियां है रेवा उधास और नायाब उधास
Pankaj Udhas पहले गाने के मिले थे सिर्फ 51 रुपए…फिर लंबे संघर्ष के बाद ‘चिट्ठी आई है’ से मिली असली पहचान, ऐसी थी पंकज उधास की लाइफ–
पंकज उधास ने पहला गाना ‘ए मेरे वतन के लोगों’ भारत चीन युद्ध के दौरान गाया था. तब इनको ईनाम के तौर पर 51 रुपए मिले थे. फिर स्कूल की प्रार्थन सभा में भी पंकज गाया करते थे और जब कॉलेज पहुंचे तो उन्होंने तबला बजाने शुरू किया. इसी दौरान वो पल आया जब पंकज को फिल्म में गाना गाने का मौका मिला |
21 साल की उम्र में गाया था सुपरहिट गाना–
दरअसल जब पंकज उधास सिर्फ 21 साल के थे तो फिल्ममेकर उषा खन्ना ने उन्हें फिल्म ‘कामना’ में गाना गाने का मौका दिया. फिल्म में पंकज ने “तुम कभी सामने आ जाओगे तो” गाया जो बहुत ही ज्यादा हिट हुआ और पंकज को इसके जरिए एक पहचान भी मिली. लेकिन अभी भी सफलता सिंगर से काफी दूर थी. इसके बाद उन्होंने छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गाना गाया लेकिन बात नहीं बनी |
चिट्ठी आई है” गजल से पंकज उधास बने गजल गायक–
फिर साल 1980 में पंकज उधास की एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ, ये भी खूब हिट हुई और धीरे-धीरे सिंगर को नए-नए गाने मिलने लगे. लेकिन जब उन्होंने साल 1986 में आई फिल्म ‘नाम’ में “चिट्ठी आई है” गाया, तो हर कोई उनकी आवाज का दीवाना बन बैठा और यहां से पंकज उधास हिंदी सिनेमा के पॉपुलर ग़ज़ल गायक बन गए.
बता दें कि अपने सालों के करियर में पंकज उधास ने “फिर तेरी कहानी याद आई”, “चले तो कट ही जाएगा” और “तेरे बिन” जैसी गजलें गाई. सिंगर की फैन फॉलोइंग सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी थी |
इन अवॉर्ड्स से नवाजे गए पंकज–
पंकज उधास ने सिंगिंग में अपना लोहा मनवाया और अपनी बेहतरीन आवाज के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया. इनमें सबसे अहम पद्मश्री अवॉर्ड है जो कि उन्हें 2006 में दिया गया था |